दिल्ली सरकार ने मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति को तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है, जब तक कि नई EV नीति को अंतिम रूप नहीं दिया जाता। यह फैसला वाहन चालकों के लिए राहत भरा है, क्योंकि इसका मतलब है कि फिलहाल पेट्रोल और CNG वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा।
पहले प्रस्तावित था कि दिल्ली EV पॉलिसी 2.0 15 अप्रैल 2025 से लागू होगी। लेकिन अब तक इसकी रूपरेखा पूरी तरह तैयार नहीं है। मौजूदा नीति वर्ष 2020 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रदूषण पर काबू पाना और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देना था।
🔧 EV पॉलिसी 2.0 से जुड़ी संभावित बातें:
- पुराने पेट्रोल टू-व्हीलर को स्क्रैप करने पर नए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए इंसेंटिव मिलेगा।
- EV अपनाने को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मालवाहक वाहनों और पैसेंजर गाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी-स्वैपिंग स्टेशनों का विस्तार होगा, खासकर रिंग रोड और आउटर रिंग रोड के आसपास।
❌ CNG वाहनों पर प्रस्तावित बैन:
- 15 अगस्त 2025 से CNG थ्री-व्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन बंद किया जाएगा और
उनके पुराने परमिट का नवीनीकरण भी नहीं होगा। - 15 अगस्त 2026 से पेट्रोल और CNG टू-व्हीलर्स के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई जा सकती है, हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
👩🔧 महिलाओं के लिए विशेष लाभ:
- EV टू-व्हीलर खरीदने पर महिलाओं को ₹36,000 तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- इसके अलावा, सभी EV टू-व्हीलर खरीदारों को ₹10,000 प्रति किलोवॉट ऑवर (अधिकतम ₹30,000) की सब्सिडी मिलेगी।
📈 रोज़गार और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस:
- नई नीति से 20,000 लोगों को रोज़गार देने का लक्ष्य है।
- चार्जिंग पॉइंट्स और बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क को मजबूत करने की योजना है।
हालांकि ये सभी बिंदु अभी ड्राफ्ट स्टेज में हैं और अंतिम फैसला दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली कैबिनेट को लेना है। इसलिए, नीति में कुछ बदलाव संभावित हैं जब तक इसे पूरी तरह से मंजूरी नहीं मिल जाती।