हावर्ड यूनिवर्सिटी का $2.2 बिलियन फंडिंग रोक दी गई, ट्रंप की शर्तों को ठुकराने पर केंद्र का बड़ा कदम

अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हावर्ड को सोमवार को बड़ा झटका लगा जब ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की फेडरल फंडिंग में से $2.2 बिलियन की राशि फ्रीज़ कर दी। यह कार्रवाई हावर्ड द्वारा व्हाइट हाउस की ओर से दिए गए सख्त दिशा-निर्देशों को न मानने के चलते की गई, जो कि कैंपस में यहूदी विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जारी किए गए थे।

ट्रंप प्रशासन की ओर से पहले ही हावर्ड को 3 अप्रैल को कुछ निर्देश भेजे गए थे, जिनमें यूनिवर्सिटी की गवर्नेंस, हायरिंग प्रक्रिया और एडमिशन सिस्टममें बदलाव की मांग की गई थी। साथ ही, डाइवर्सिटी ऑफिस बंद करने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की जांच में इमिग्रेशन अधिकारियों से सहयोग करने की बात भी कही गई थी।

हावर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन गार्बर ने छात्रों और फैकल्टी को लिखे पत्र में साफ कहा कि संस्थान अपनी स्वतंत्रता या संवैधानिक अधिकारों पर कोई समझौता नहीं करेगा।

इसके जवाब में ज्वाइंट टास्क फोर्स टू कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज्म ने बयान जारी कर कहा:

“हावर्ड का रवैया दर्शाता है कि हमारे देश की शीर्ष यूनिवर्सिटीज़ में एक प्रकार की अधिकार भावना व्याप्त है, जो यह मानती हैं कि उन्हें फेडरल फंडिंग बिना किसी जवाबदेही के मिलती रहनी चाहिए।”


✋ कैंपस में विरोध और ट्रंप की प्रतिक्रिया

पिछले साल अमेरिका भर में गाज़ा युद्ध के खिलाफ छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिनमें कई जगह हिंसक झड़पें भी हुईं। ट्रंप और कई रिपब्लिकन नेताओं ने इन प्रदर्शनों को हमास का समर्थन बताया — जो अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।


🔍 हावर्ड के खिलाफ कार्रवाई:

  • $2.2 बिलियन की ग्रांट फ्रीज़
  • $60 मिलियन के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी रोक
  • इमिग्रेशन ऑफिसर्स द्वारा दो प्रोटेस्ट ऑर्गनाइजर्स के खिलाफ कार्रवाई
  • यूनिवर्सिटी से छात्रों और फैकल्टी के विचारों का ऑडिट कराने की मांग

🏛️ हावर्ड का जवाब:

एलन गार्बर ने कहा कि विश्वविद्यालय नई जानकारियों और दृष्टिकोणों के लिए खुला है, लेकिन वह ऐसी मांगें स्वीकार नहीं करेगा जो किसी भी सरकार की कानूनी सीमा से बाहर हैं।

“कोई भी सरकार – चाहे वह किसी भी पार्टी की हो – यह तय नहीं कर सकती कि कोई निजी यूनिवर्सिटी क्या पढ़ाएगी, किसे नौकरी देगी या किसे एडमिशन देगी,” उन्होंने कहा।


🗣️ प्रतिक्रियाएं:

रिपब्लिकन सांसद एलिस स्टेफनिक ने हावर्ड को “शैक्षणिक और नैतिक पतन का प्रतीक” बताया और उसकी पूरी फंडिंग रोकने की मांग की। उन्होंने यूनिवर्सिटी पर “खुलेआम यहूदी विरोधी सोच” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।


⚖️ कोलंबिया यूनिवर्सिटी का रुख विपरीत:

जहां हावर्ड ने सरकार की शर्तें ठुकराईं, वहीं कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने $400 मिलियन की ग्रांट रोकने के बाद छात्रों की अनुशासनात्मक नीतियों में बदलाव किया और 36 नए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए।


निष्कर्ष:

हावर्ड और व्हाइट हाउस के बीच यह टकराव शैक्षणिक आज़ादी बनाम सरकारी नियंत्रण की बड़ी बहस को जन्म दे रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के अन्य टॉप संस्थान इस दबाव का किस तरह सामना करते हैं।

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