गोवा के शिरगांव मंदिर में एक बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान भयानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए। हादसा उस समय हुआ जब सैकड़ों लोग लायराई देवी की जत्रा में हिस्सा ले रहे थे।
क्या है लायराई जत्रा?
गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटका के हजारों श्रद्धालु हर साल अप्रैल-मई में लायराई देवी की जत्रा में शामिल होते हैं। देवी लायराई को माँ पार्वती का अवतार माना जाता है और गोवा की सात बहन देवी कथाओं में इनका विशेष स्थान है।
जत्रा में अग्निदिव्या नाम की परंपरा भी होती है, जिसमें लोग जलती हुई लकड़ियों पर चलकर मन्नतें मांगते हैं।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार देर रात से ही मंदिर परिसर में भीड़ उमड़ने लगी थी। सुरक्षा के लिए 1000 से ज़्यादा पुलिसकर्मी, DSP रैंक के अधिकारी, महिला पुलिस और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था थी।
लेकिन 4 बजे तड़के अचानक अफरातफरी मच गई। बताया जा रहा है कि भीड़ के बीच अचानक बिजली का झटका लगने की अफवाह फैल गई। घबराए लोग एक-दूसरे को धकेलते हुए बाहर भागने लगे।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उस वक्त लोग अग्निदिव्या या अग्नि पूजा की तैयारी में जुटे थे, लेकिन भगदड़ कैसे और क्यों शुरू हुई, इसका अब तक कोई आधिकारिक कारण सामने नहीं आया है।
प्रशासन की कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर रखी गईं। पुलिस और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज और नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया और हालात की निगरानी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि
- 24×7 हेल्पलाइन 104 शुरू की गई है।
- 10 एडवांस एंबुलेंस तैनात की गई हैं।
- सभी अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम लगाई गई है।
PM मोदी ने जताया शोक
“शिरगांव, गोवा में भगदड़ की दुखद घटना से बेहद दुखी हूँ। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।” — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
फिलहाल, प्रशासन हादसे की पूरी जांच कर रहा है और भीड़ प्रबंधन को लेकर भविष्य में सख्त कदम उठाने की बात कही गई है।