“अमेरिका संयुक्त राज्य अमेरिका में था”: एस. जयशंकर ने ट्रंप के भारत-पाक मध्यस्थता के दावे पर दिया जवाब

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में शत्रुता का रुकना एक प्रत्यक्ष द्विपक्षीय व्यवस्था का परिणाम था, और यह अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रभावित नहीं था। नीदरलैंड स्थित प्रसारक एनओएस (NOS) के साथ एक साक्षात्कार में, श्री जयशंकर ने राज्य नीति के … Read more

‘सभी हदें पार’: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु छापों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय को फटकारा

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को “सभी हदें पार करने” और संघीय शासन की अवधारणा का उल्लंघन करने के लिए फटकार लगाई। यह टिप्पणी तमिलनाडु में सरकारी शराब की दुकानों पर मार्च और पिछले सप्ताह हुई छापेमारी के संबंध में की गई थी। ये छापे दुकान लाइसेंस देने में भ्रष्टाचार के आरोपों से … Read more

बेंगलुरु में 25 वर्षीय क्रुतरिम टेकी मृत पाया गया, विषाक्त कार्य संस्कृति को दोषी ठहराया

25 वर्षीय निखिल सोमवंशी अगस्त 2024 में ओला के स्वामित्व वाली कंपनी में शामिल हुए थे।बेंगलुरु के अगारा झील में एक एआई फर्म के 25 वर्षीय मशीन लर्निंग इंजीनियर का शव मिलने के लगभग दो सप्ताह बाद, रेडिट और मीडिया रिपोर्टों में अज्ञात कर्मचारियों के हवाले से आरोप सामने आए हैं कि इंजीनियर की मौत … Read more

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज गुजरात के भुज एयर फोर्स स्टेशन का दौरा किया

यह दौरा हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुई भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुआ, जिसमें पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों और आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया गया। पाकिस्तान ने भुज एयरबेस पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे, लेकिन भारतीय वायुसेना की मजबूत एयर डिफेंस प्रणाली ने सभी हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया, जिससे ज़मीन पर कोई नुक़सान नहीं हुआ। राजनाथ सिंह ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर का भी दौरा किया था, जहाँ उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

पाकिस्तान ने भारत से की इंद्र जल संधि निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार की अपील, मोदी सरकार का कड़ा रुख

पाकिस्तान ने भारत को पत्र लिखकर इंद्र जल संधि (Indus Waters Treaty) के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने नई दिल्ली को पत्र भेजकर भारत से संधि के तहत अपनी ओर बहने वाली नदियों के जल प्रवाह को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है। बता दें कि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह जल बंटवारा संधि पिछले छह दशक से लागू है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, के बाद भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। “पानी और खून साथ नहीं बह सकते” — पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। आतंक और बातचीत साथ नहीं हो सकते। आतंक और व्यापार भी एक साथ नहीं चल सकते।” भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के लिए अपना समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय तरीके से समाप्त नहीं करता, तब तक इस संधि को बहाल नहीं किया जाएगा। भारत ने अपनाई तीन-स्तरीय रणनीति सरकार ने अब तीन-स्तरीय रणनीति (शॉर्ट-टर्म, मिड-टर्म और लॉन्ग-टर्म) तैयार की है ताकि पाकिस्तान की ओर जाने वाले जल प्रवाह को पूरी तरह रोका जा सके। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि “एक भी बूंद पानी भारत की सीमा से बाहर नहीं जाने दी जाएगी, उसका पूरा उपयोग देश में ही होगा।” इसी के तहत, रुके हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। पाकिस्तान ने दी आंतरिक संकट की चेतावनी पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने अपने पत्र में चेताया है कि संधि का निलंबन उसके देश में जल संकट और गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए पाकिस्तान पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को लगातार बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “इंद्र जल संधि मित्रता और सद्भाव पर आधारित थी। लेकिन पाकिस्तान ने दशकों से आतंकवाद को समर्थन देकर इन मूल्यों को रौंदा है।” संधि के तहत पानी का बंटवारा 1960 की इस संधि के तहत कुल जल प्रवाह में से लगभग 30% पानी भारत और 70% पाकिस्तान को मिलता था। अब संधि के निलंबन के बाद भारत इस जल का उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स और किसानों के हित में करने की योजना बना रहा है। शीर्षस्तरीय बैठकें जारी संधि निलंबन के बाद से गृह मंत्री अमित शाह, जल शक्ति मंत्री पाटिल, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अफसरों की दो अहम बैठकें हो चुकी हैं। इस सप्ताह एक और उच्चस्तरीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।

“जाइए और माफ़ी मांगिए”: सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्री के बयान को अस्वीकार्य और असंवेदनशील बताया और कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपने शब्दों पर संयम रखना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने मंत्री से कहा, “आप किस तरह की बातें कर रहे हैं? आपको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। जाइए और हाईकोर्ट में माफ़ी मांगिए।” इस विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विपक्ष, सेना के पूर्व अधिकारी और सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ नेताओं ने भी मंत्री की आलोचना की। इसी बीच, हाईकोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक की मांग भी खारिज कर दी। अदालत ने कहा, “एक दिन में कुछ नहीं होगा, आप जानते हैं कि आप कौन हैं।” सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा। क्या था मामला? 12 मई को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के रायकुंडा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए विजय शाह ने पहलूगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर परोक्ष रूप से आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी कर दी। अपने भाषण में शाह ने कहा,“उन्होंने हमारी बहनों को विधवा बनाया, तो मोदीजी ने उनकी बहन को भेजकर उन्हें सबक सिखाया।” हालाँकि, उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ और समय ने साफ़ कर दिया कि इशारा कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर ही था, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लगातार राष्ट्रीय प्रेस ब्रीफिंग्स में दिखाई दी हैं। हाईकोर्ट की सख़्ती मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी को उसी दिन शाम तक मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने टिप्पणी की,“सेना इस देश की अंतिम संस्था है, जो अनुशासन, त्याग, चरित्र और साहस का प्रतीक है। इस तरह की टिप्पणियां न केवल अवैध हैं, बल्कि देश की एकता को भी नुकसान पहुँचाती हैं।” राजनीतिक बवाल इस मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा पर नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया। सहयोगी दलों और खुद भाजपा के भीतर से भी विरोध सामने आया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा,“विजय शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाकर उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने देश का सिर झुका दिया है।” मंत्री का बचाव विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने कई बार माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा,“मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। सोफिया बहन ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर देश का नाम रोशन किया है। मैं उन्हें अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान देता हूं। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं दस बार माफ़ी मांगने को तैयार हूं।”

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़, तीन आतंकवादी ढेर — एक और की तलाश जारी

जम्मू-कश्मीर के शोपियां ज़िले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। आशंका है कि इलाके में अब भी एक और आतंकी छिपा हो सकता है। यह मुठभेड़ पहले कुलगाम में शुरू हुई थी, जो बाद में शोपियां के जंगलों तक पहुंच गई। सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों को घेर लिया था, और करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा सख्ती का स्तरइस कार्रवाई का समय बेहद अहम है, क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है। बता दें, पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इसके साथ ही भारत ने साफ कर दिया था कि अब हर आतंकी हमला युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी और उसका करारा जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेशप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि: प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की राज्य प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर किया, जब मारे गए आतंकियों को अंतिम विदाई देने पाकिस्तान के सेना अधिकारी पहुंचे। पाकिस्तान को भी मिला करारा जवाब7 मई को भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। जवाब में पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों पर भारी गोलाबारी और ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ जानें भी गईं। भारत की वायुसेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुँचाया। 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा हुई, लेकिन भारतीय सेना ने साफ कहा है कि पाकिस्तान की किसी भी हिमाकत का जवाब उसी सख्ती से दिया जाएगा।

चार दिन बाद युद्धविराम: कैसे भारत-पाकिस्तान पहुंचे समझौते तक — जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

लगातार चार दिन तक मिसाइल स्ट्राइक्स, ड्रोन हमले और एलओसी (LoC) पर तोपों की गरज के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई की शाम से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर और गुजरात में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। भारत ने इसे सीज़फायर का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि सेना “उचित और सटीक जवाब” दे रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत इन उल्लंघनों को “बेहद गंभीरता से लेता है।” 📌 कैसे बढ़ा तनाव — पूरी टाइमलाइन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 10 मई की सुबह, भारतीय वायुसेना ने BrahMos-A (एयर-लॉन्च क्रूज़ मिसाइल) से पाकिस्तान के अहम एयरबेस पर हमला किया। पहला निशाना रावलपिंडी के चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में बने एयरफोर्स बेस रहे। दोनों पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और रणनीतिक ताकत के अहम केंद्र माने जाते हैं। बाद में दिन में, खुफिया एजेंसियों ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में जैकबाबाद, भोलारी और स्कार्दू बेस पर भी हमलों की पुष्टि की। हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी रक्षा नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज पकड़े। इसमें संकेत था कि भारत अगला हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर कर सकता है। इसी के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से आपात दखल की अपील की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका पहले से ही हालात पर नज़र रखे हुए था, लेकिन रणनीतिक ठिकानों पर अलर्ट के बाद उसने ज्यादा सख्ती से दखल दिया। अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया कि वो तुरंत भारतीय सेना से मिलिट्री हॉटलाइन पर संपर्क करे और तनाव को आगे न बढ़ाए। 📞 सीधे DGMO से बातचीत 10 मई दोपहर बाद, जब पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियां भारत ने पीछे धकेल दीं, तो पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधा फोन किया। ये कॉल भारतीय समयानुसार 15:35 बजे हुई, जिसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बाद में की। भारत ने साफ किया कि वो कोई औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य बातचीत पाकिस्तान से नहीं करेगा और न ही किसी मध्यस्थता को स्वीकारेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत अगले चरण की सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार था, जिसमें ऊर्जा और आर्थिक ठिकानों पर हमले समेत पाकिस्तान के रणनीतिक कमांड स्ट्रक्चर को निशाना बनाने की योजना थी। 🚨 Pahalgam हमले के बाद लिए फैसले बरकरार भारत ने यह भी साफ किया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए फैसले, जैसे कि इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) का अस्थायी निलंबन, सीज़फायर से प्रभावित नहीं होंगे। यानी यह रोक आगे भी जारी रहेगी। कुल मिलाकर, चार दिन की तनावपूर्ण जंग के बाद दोनों देशों ने एक अस्थायी विराम लिया है, लेकिन ज़मीन पर हालात अभी भी बेहद संवेदनशील हैं।

भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया

भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बीती रात हुए हमलों में भारतीय सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। शनिवार सुबह एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय, भारतीय सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने साझा तौर पर मीडिया को हालात की जानकारी दी। अधिकारियों ने पाकिस्तान की कार्रवाई को “उकसावे वाली” बताया, लेकिन कहा कि भारतीय सेनाओं ने “शांत, संतुलित और प्रभावशाली” जवाब दिया है। पाकिस्तान की भ्रामक जानकारी पर हमलाविदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान का दावा “झूठ का पुलिंदा” है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य ढांचे को बड़े नुकसान पहुंचाने की झूठी खबरें फैलाईं। मिस्री ने बताया कि कुछ ठिकानों पर मामूली नुकसान और कुछ सैन्यकर्मियों के घायल होने की पुष्टि हुई है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर हालात सामान्य कर लिए गए हैं। पाकिस्तानी हमले और भारतीय जवाबी कार्रवाईसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने बीती रात 1:40 बजे पंजाब के एयरबेस समेत देशभर के 26 स्थानों को ड्रोन, मिसाइल, लोइटर म्यूनिशन और एयरस्ट्राइक से निशाना बनाया। इनमें उधमपुर, पठानकोट, बठिंडा, भुज और आदमपुर एयरबेस शामिल थे। भारत ने अधिकतर खतरों को इंटरसेप्ट कर लिया और कई ड्रोन व मिसाइल हमले विफल कर दिए। उन्होंने visuals दिखाते हुए कहा कि सिरसा और सूरतगढ़ जैसे एयरबेस पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने बरामुला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, जम्मू, पठानकोट, भुज और जैसलमेर में हथियारबंद ड्रोन के जरिए भारतीय एयरस्पेस में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने रडार-गाइडेड इंटरसेप्ट और अन्य तकनीकों से जवाब दिया। पाकिस्तान ने स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल तक निशाना बनाए, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का घोर उल्लंघन है। भ्रामक प्रचार का जवाबविंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की उस दुष्प्रचार मुहिम को सिरे से नकारा, जिसमें भारतीय S-400 मिसाइल सिस्टम को नष्ट करने और एयरफील्ड्स को तबाह करने के दावे किए गए। उन्होंने कहा,“पाकिस्तान की इन झूठी खबरों को हम पूरी तरह खारिज करते हैं। हमारे एयरबेस और डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।” पाकिस्तान में धमाकेशनिवार तड़के पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर भी जबरदस्त धमाके हुए। खासकर इस्लामाबाद के पास एक अहम सैन्य बेस में विस्फोट के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने हवाई क्षेत्र को सिविल और कमर्शियल उड़ानों के लिए बंद कर दिया। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में भारत का पलटवारभारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत शनिवार सुबह पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। इसमें पाकिस्तान के रफीकी, मुरिद, चकलाला और रहीम यार खान के सैन्य बेस, साथ ही सियालकोट और पस्रूर के रडार स्टेशन शामिल थे। कर्नल कुरैशी ने कहा कि इन हमलों में केवल सैन्य टारगेट को ही निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान की झूठी खबरों से न तो हकीकत बदली है, न ही भारत की सैन्य ताकत। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और देश सुरक्षित है।

ऑपरेशन सिंदूर लाइव अपडेट्स: BSF ने जम्मू-कश्मीर के सांबा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम की, 7 आतंकवादी ढेर

पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार सुबह कुपवाड़ा और उरी समेत LoC के कई इलाकों में फिर गोलीबारी शुरू कर दी। यह तब हुआ जब गुरुवार रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल अटैक की साज़िश नाकाम कर दी। हमले की कोशिश गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में की गई … Read more