“पाक संघर्ष के दौरान कोई व्यापार समझौता या मध्यस्थता का प्रस्ताव नहीं”: पीएम मोदी ने ट्रंप से कहा

भारत ने जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे के मुद्दे को सुलझाने के लिए कभी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की मांग नहीं की है, और न ही इसे कभी स्वीकार करेगा – यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार देर रात हुई फोन पर बातचीत का मुख्य बिंदु था। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार … Read more

चार दिन बाद युद्धविराम: कैसे भारत-पाकिस्तान पहुंचे समझौते तक — जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

लगातार चार दिन तक मिसाइल स्ट्राइक्स, ड्रोन हमले और एलओसी (LoC) पर तोपों की गरज के बाद, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई की शाम से ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर और गुजरात में पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए और भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया। भारत ने इसे सीज़फायर का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि सेना “उचित और सटीक जवाब” दे रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत इन उल्लंघनों को “बेहद गंभीरता से लेता है।” 📌 कैसे बढ़ा तनाव — पूरी टाइमलाइन सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 10 मई की सुबह, भारतीय वायुसेना ने BrahMos-A (एयर-लॉन्च क्रूज़ मिसाइल) से पाकिस्तान के अहम एयरबेस पर हमला किया। पहला निशाना रावलपिंडी के चकलाला और पंजाब प्रांत के सरगोधा में बने एयरफोर्स बेस रहे। दोनों पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और रणनीतिक ताकत के अहम केंद्र माने जाते हैं। बाद में दिन में, खुफिया एजेंसियों ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में जैकबाबाद, भोलारी और स्कार्दू बेस पर भी हमलों की पुष्टि की। हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी रक्षा नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज पकड़े। इसमें संकेत था कि भारत अगला हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम पर कर सकता है। इसी के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से आपात दखल की अपील की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका पहले से ही हालात पर नज़र रखे हुए था, लेकिन रणनीतिक ठिकानों पर अलर्ट के बाद उसने ज्यादा सख्ती से दखल दिया। अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ़ संदेश दिया कि वो तुरंत भारतीय सेना से मिलिट्री हॉटलाइन पर संपर्क करे और तनाव को आगे न बढ़ाए। 📞 सीधे DGMO से बातचीत 10 मई दोपहर बाद, जब पाकिस्तान की आक्रामक गतिविधियां भारत ने पीछे धकेल दीं, तो पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को सीधा फोन किया। ये कॉल भारतीय समयानुसार 15:35 बजे हुई, जिसकी पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बाद में की। भारत ने साफ किया कि वो कोई औपचारिक कूटनीतिक या सैन्य बातचीत पाकिस्तान से नहीं करेगा और न ही किसी मध्यस्थता को स्वीकारेगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत अगले चरण की सैन्य कार्रवाई के लिए भी तैयार था, जिसमें ऊर्जा और आर्थिक ठिकानों पर हमले समेत पाकिस्तान के रणनीतिक कमांड स्ट्रक्चर को निशाना बनाने की योजना थी। 🚨 Pahalgam हमले के बाद लिए फैसले बरकरार भारत ने यह भी साफ किया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए फैसले, जैसे कि इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) का अस्थायी निलंबन, सीज़फायर से प्रभावित नहीं होंगे। यानी यह रोक आगे भी जारी रहेगी। कुल मिलाकर, चार दिन की तनावपूर्ण जंग के बाद दोनों देशों ने एक अस्थायी विराम लिया है, लेकिन ज़मीन पर हालात अभी भी बेहद संवेदनशील हैं।

भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया

भारत ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बीती रात हुए हमलों में भारतीय सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। शनिवार सुबह एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय, भारतीय सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने साझा तौर पर मीडिया को हालात की जानकारी दी। अधिकारियों ने पाकिस्तान की कार्रवाई को “उकसावे वाली” बताया, लेकिन कहा कि भारतीय सेनाओं ने “शांत, संतुलित और प्रभावशाली” जवाब दिया है। पाकिस्तान की भ्रामक जानकारी पर हमलाविदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान का दावा “झूठ का पुलिंदा” है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य ढांचे को बड़े नुकसान पहुंचाने की झूठी खबरें फैलाईं। मिस्री ने बताया कि कुछ ठिकानों पर मामूली नुकसान और कुछ सैन्यकर्मियों के घायल होने की पुष्टि हुई है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर हालात सामान्य कर लिए गए हैं। पाकिस्तानी हमले और भारतीय जवाबी कार्रवाईसेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने बीती रात 1:40 बजे पंजाब के एयरबेस समेत देशभर के 26 स्थानों को ड्रोन, मिसाइल, लोइटर म्यूनिशन और एयरस्ट्राइक से निशाना बनाया। इनमें उधमपुर, पठानकोट, बठिंडा, भुज और आदमपुर एयरबेस शामिल थे। भारत ने अधिकतर खतरों को इंटरसेप्ट कर लिया और कई ड्रोन व मिसाइल हमले विफल कर दिए। उन्होंने visuals दिखाते हुए कहा कि सिरसा और सूरतगढ़ जैसे एयरबेस पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने बरामुला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, जम्मू, पठानकोट, भुज और जैसलमेर में हथियारबंद ड्रोन के जरिए भारतीय एयरस्पेस में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिन्हें भारतीय वायुसेना ने रडार-गाइडेड इंटरसेप्ट और अन्य तकनीकों से जवाब दिया। पाकिस्तान ने स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल तक निशाना बनाए, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों का घोर उल्लंघन है। भ्रामक प्रचार का जवाबविंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की उस दुष्प्रचार मुहिम को सिरे से नकारा, जिसमें भारतीय S-400 मिसाइल सिस्टम को नष्ट करने और एयरफील्ड्स को तबाह करने के दावे किए गए। उन्होंने कहा,“पाकिस्तान की इन झूठी खबरों को हम पूरी तरह खारिज करते हैं। हमारे एयरबेस और डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।” पाकिस्तान में धमाकेशनिवार तड़के पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर भी जबरदस्त धमाके हुए। खासकर इस्लामाबाद के पास एक अहम सैन्य बेस में विस्फोट के बाद पाकिस्तान सरकार ने अपने हवाई क्षेत्र को सिविल और कमर्शियल उड़ानों के लिए बंद कर दिया। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में भारत का पलटवारभारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत शनिवार सुबह पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। इसमें पाकिस्तान के रफीकी, मुरिद, चकलाला और रहीम यार खान के सैन्य बेस, साथ ही सियालकोट और पस्रूर के रडार स्टेशन शामिल थे। कर्नल कुरैशी ने कहा कि इन हमलों में केवल सैन्य टारगेट को ही निशाना बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान की झूठी खबरों से न तो हकीकत बदली है, न ही भारत की सैन्य ताकत। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और देश सुरक्षित है।