“जाइए और माफ़ी मांगिए”: सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंत्री के बयान को अस्वीकार्य और असंवेदनशील बताया और कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपने शब्दों पर संयम रखना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने मंत्री से कहा, “आप किस तरह की बातें कर रहे हैं? आपको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। जाइए और हाईकोर्ट में माफ़ी मांगिए।” इस विवादास्पद टिप्पणी को लेकर विपक्ष, सेना के पूर्व अधिकारी और सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ नेताओं ने भी मंत्री की आलोचना की। इसी बीच, हाईकोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक की मांग भी खारिज कर दी। अदालत ने कहा, “एक दिन में कुछ नहीं होगा, आप जानते हैं कि आप कौन हैं।” सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा। क्या था मामला? 12 मई को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के रायकुंडा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए विजय शाह ने पहलूगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर परोक्ष रूप से आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी कर दी। अपने भाषण में शाह ने कहा,“उन्होंने हमारी बहनों को विधवा बनाया, तो मोदीजी ने उनकी बहन को भेजकर उन्हें सबक सिखाया।” हालाँकि, उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन संदर्भ और समय ने साफ़ कर दिया कि इशारा कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर ही था, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लगातार राष्ट्रीय प्रेस ब्रीफिंग्स में दिखाई दी हैं। हाईकोर्ट की सख़्ती मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी को उसी दिन शाम तक मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं हुआ, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने टिप्पणी की,“सेना इस देश की अंतिम संस्था है, जो अनुशासन, त्याग, चरित्र और साहस का प्रतीक है। इस तरह की टिप्पणियां न केवल अवैध हैं, बल्कि देश की एकता को भी नुकसान पहुँचाती हैं।” राजनीतिक बवाल इस मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा पर नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया। सहयोगी दलों और खुद भाजपा के भीतर से भी विरोध सामने आया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा,“विजय शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाकर उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने देश का सिर झुका दिया है।” मंत्री का बचाव विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने कई बार माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा,“मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। सोफिया बहन ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर देश का नाम रोशन किया है। मैं उन्हें अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान देता हूं। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं दस बार माफ़ी मांगने को तैयार हूं।”